खैरागढ़ के कलाकारों ने अपनी बहुरंगी प्रस्तुतियों से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत प्रदर्शन किया
राज्योत्सव में कलाकारों ने अपने कला और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिली
कवर्धा, 06 नवम्बर 2024। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का आयोजन, कला और संस्कृति की अद्भुत छटा बिखेरता एक ऐसा रंगमंच बना जहाँ छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की जीवंत झलक देखने को मिली। जैसे-जैसे रात की चांदनी खिलती गई, वैसे-वैसे इस सांस्कृतिक महोत्सव का उल्लास बढ़ता गया। धरसीवा विधायक एवं पद्मश्री श्री अनुज शर्मा की विशेष प्रस्तुति ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। स्कूली बच्चों की रंगीन प्रस्तुतियों ने पूरे कार्यक्रम में मासूमियत और उमंग का रंग भर दिया, वहीं खैरागढ़ के कलाकारों ने रंग-बिरंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत प्रदर्शन किया। जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सुशीला रामकुमार भट्ट, जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती इन्द्राणी चन्द्रवंशी, जिला पंचायत सदस्य श्री रामकुमार भट्ट और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष श्री मनहरण कौशिक, पूर्व विधायक श्री अशोक साहू, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री अनिल ठाकुर, श्री संतोष पटेल, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल ने कार्यक्रम का आनंद लिया।
लोकगीतों की गूंज और शास्त्रीय संगीत की सजीव धुनों के बीच, छत्तीसगढ़ की मिट्टी की खुशबू दर्शकों तक पहुंची, जिसमें श्री तुलेश्वर शर्मा का “सुनहरी यादें” कार्यक्रम, रजऊ साहू और उनके साथी कलाकारों की लोकसंगीत प्रस्तुति और योगेंद्र दास मानिकपुरी द्वारा “सुरता के आंसू” ने सभी का मन मोह लिया। खैरागढ़ के कलाकारों की रंग-बिरंगी प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव महोत्सव, न केवल कला प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम बना बल्कि छत्तीसगढ़ की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत को देश-दुनिया के सामने खूबसूरती से प्रस्तुत किया। खैरागढ़ के कलाकारों ने अपने अनोखे अंदाज में विविध प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। उनकी रंग-बिरंगी पोशाकें और ऊर्जावान प्रस्तुतियाँ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रही थीं। इस पूरे आयोजन में हर प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपराओं की एक अमिट छवि बनाई, जिससे दर्शक न केवल आनंदित हुए बल्कि राज्य के सांस्कृतिक गौरव से गर्वित भी महसूस किया। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में कला प्रेमियों के लिए एक ऐसा उत्सव बना जिसने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और धरोहर को दिलों में बसा दिया। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
श्री अनुज शर्मा की जसगीत, कर्मा और ददरिया की प्रस्तुति ने मंच का समां बांधा, दर्शक मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे
पद्मश्री श्री अनुज शर्मा की जसगीत, कर्मा और ददरिया की प्रस्तुति ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। उनकी प्रस्तुति में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा की झलक दिखाई दी, जिससे हर कोई संगीत के उस रंग में डूब गया। श्री शर्मा द्वारा प्रस्तुत “आरूग हे कलशा दाई, तोर भुवन मा दाई“ जैसे जसगीत ने माहौल को भक्ति और समर्पण से भर दिया। उनकी आवाज़ और अदायगी में छत्तीसगढ़ की मिट्टी की सोंधी महक और लोकजीवन की गहराई बसी हुई थी। कर्मा और ददरिया जैसे पारंपरिक गीतों पर उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को छत्तीसगढ़ की लोककला में पूरी तरह रमा दिया, जिससे हर कोई झूमने पर मजबूर हो गया। “बैइला ला ढील देबे धान खाही गा,“ “मया हो गे रे तोर संग मया होगे,“ और “ससुराल गेंदा फूल“ जैसे लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति ने राज्योत्सव के माहौल बना दिया। इन गीतों में छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत का सौंदर्य और भावनाओं का गहराई से संगम देखने को मिला।“ससुराल गेंदा फूल“ की मधुर धुन पर दर्शक झूम उठे, जबकि “बैइला ला ढील देबे धान खाही गा“ और “मया हो गे रे तोर संग मया होगे“ ने मानो प्रेम और मस्ती का ऐसा रंग बिखेरा कि हर कोई इस सांस्कृतिक जादू में खो गया।