Chhattisgarhछत्तीसगढ़

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा क्यों मनाई जाती है?,जाने रथयात्रा यात्रा का महत्व

यह पर्व न केवल भक्ति की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह सामाजिक एकता, समर्पण और सांस्कृतिक धरोहर का अनुपम उदाहरण भी है. रथ यात्रा का मुख्य उद्देश्य भगवान जगन्नाथ का अपने भक्तों के बीच वार्षिक भ्रमण होता है. जगन्नाथ रथयात्रा शुक्रवार से शुरू हो रही है

InShot 20250627 093504433

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा क्यों मनाई जाती है?

यह पर्व न केवल भक्ति की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह सामाजिक एकता, समर्पण और सांस्कृतिक धरोहर का अनुपम उदाहरण भी है. रथ यात्रा का मुख्य उद्देश्य भगवान जगन्नाथ का अपने भक्तों के बीच वार्षिक भ्रमण होता है. जगन्नाथ रथयात्रा शुक्रवार से शुरू हो रही है.

जगन्नाथ रथयात्रा शुक्रवार से शुरू होने जा रही है. पुरी रथ यात्रा की परंपरा 12वीं से 16वीं शताब्दी के बीच आरंभ मानी जाती है. एक मान्यता के अनुसार यह यात्रा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अपनी माता के मायके जाने का प्रतीक है.

भारत के उड़ीसा राज्य का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है। उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है। ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है।

InShot 20250627 093436185

गुंडीचा मंदिर को ‘गुंडीचा बाड़ी’ भी कहते हैं। यह भगवान का जन्मस्थान है। इस मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि यहीं पर देवशिल्पी विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी की प्रतिमाओं का निर्माण किया था।

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page